भावनाओं के संचार के सशक्त साधन को काव्य कहा गया है पर मैं भावनाओं के अस्तित्व के सर्वोच्च प्रमाण को काव्य कहता हूँ !
कही न कही बातों का,
छोटे छोटे जज्बातों का,
हाथों में लिया हाथों का,
आधूरी मुलाकातों का,
जागी सोयीं रातों का,
तकदीर के इरादों का,
पूरे ना हो सके वादों का,
और ऐसी कितनी ही यादों का,
इतिहास बन एक और वर्ष बीत गया !"
एक वर्ष क्यूँ...!!जाने कितने वर्ष बीत जायेंगे..परन्तु घबराइये मत ये अहसास वहीँ रहेंगे....खड़े...और याद दिलाते रहेंगे....कि देखो एक और वर्ष बीत गया..खूबसूरत...!!
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एक वर्ष क्यूँ...!!
जाने कितने वर्ष बीत जायेंगे..
परन्तु घबराइये मत ये अहसास वहीँ रहेंगे....खड़े...
और याद दिलाते रहेंगे....कि देखो एक और वर्ष बीत गया..
खूबसूरत...!!
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