Monday, May 3, 2010

किसी ने दिल में मुझे आज उतारा होगा.....

"क्यों घुल रही है खुशबू आज इन हवाओं में?
किसी ने सूखे गुलाबों  को दुलारा  होगा |
क्यों  बढ़ गयी है नमी आज  इन फिजाओ  में?
किसी ने रो के मेरा नाम पुकारा होगा |
किसी ने फिर से मुझे अक्स में देखा होगा
किसी  ने फिर से मुझे आँखों में सवारा होगा
यूँ तो बहुत मिले नजरों में बसाने वाले
किसी ने दिल में मुझे आज उतारा होगा |"

नहीं जनता हूँ ....

"तुम चाँदनी सी शांत हो,
तुम जल सी हो निर्मल
तुम कुमोदिनी का फूल हो,
या हो शवेत कमल
किस वेश  में तुम हो, किस रंग में तुम हो
किस भाव में तुम हो, किस उमंग में तुम हो
नहीं जनता हूँ  किस संसार में तुम हो?
जहाँ भी हो मेरे इंतजार में तुम हो,
जहाँ भी हो सिर्फ मेरे प्यार में तुम हो|

तुम मुक्त हो पवन सी ,
हो विचारों  सी सहज
काव्य सी सरस हो,
या मेरी कल्पना महज,
नहीं जनता हूँ  किस किरदार में तुम हो ?
जहाँ भी हो मेरे इंतजार में तुम हो,
जहाँ भी हो सिर्फ मेरे प्यार में तुम हो|"