Friday, July 29, 2011

नए विचार !

अब नहीं आते नए विचार,जो पहले बिना बुलाए ही चले ही चले आते थे 
मनोद्वार की खिड़की से झांकते हुए, सीधे ह्रदय में प्रवेश कर जाते थे 
फिर शुरू होता था तथ्यों  का एक गहन मंथन ,
जिनसे उपजते थे कुछ निष्कर्ष शब्दों का पहन आवरण,
शब्द जो वाणी से वेग पाते थे ,
और दुसरे ह्रदयो में प्रवेश कर,
अंतर्मन को झकझोड़ जाते थे,
कर देते थे अंकुरण पुनः नए विचारों का,
और करते अंत पल रहे मनोविकारों का ,
फिर जन्म लेती थी एक महान विचारधारा,
इस तरह कुछ विचार मिल इतिहास बनाते थे|
अब नहीं आते नए विचार ,जो पहले बिना बुलाए ही चले ही चले आते थे |
शायद बंद कर दी हे हमने,
अपने मन की सब खिड़कियाँ,
और जड़ दिए हैं तालें
ह्रदय के समस्त द्वारों पर, 
अब मेरे विचार मेरे ही मन में फडफडाते हैं,
और दुसरे ताला देख लौट जाते हैं,
पहले तो कभी विचार ऐसे न कैद पाते थे|
अब नहीं आते नए विचार ,जो पहले बिना बुलाए ही चले ही चले आते थे |




Thursday, July 21, 2011

'ज़िन्दगी'

है चन्द लम्हों की कहानी का एक नाम 'ज़िन्दगी',पर टूटते कितने फ़साने दरमिया एक पल के हैं......