Monday, May 3, 2010

किसी ने दिल में मुझे आज उतारा होगा.....

"क्यों घुल रही है खुशबू आज इन हवाओं में?
किसी ने सूखे गुलाबों  को दुलारा  होगा |
क्यों  बढ़ गयी है नमी आज  इन फिजाओ  में?
किसी ने रो के मेरा नाम पुकारा होगा |
किसी ने फिर से मुझे अक्स में देखा होगा
किसी  ने फिर से मुझे आँखों में सवारा होगा
यूँ तो बहुत मिले नजरों में बसाने वाले
किसी ने दिल में मुझे आज उतारा होगा |"

3 comments:

Ra said...

आपकी सुन्दर रचनाओं से हमारा मन प्रफुल्लित ..हो गया है .....हमारे दिल ने कहा ....आपकी और hamari मंजिल एक है ...फिर क्यूँ ना साथ चले ( मेरी कविता के अंश )....बस और खुद को ना रोक पाए ...और हम भी साथ हो लिए ..मतलब बन gaye आपके followers

Ra said...

aap ye print mistake na kare ,,,maza krikira ho jata hai ....rachna ke khubsurati me rukavat karta hai ............'रोके ' को 'रो के ' कर ले ..:) :)

Letters to Soul... said...

nice composition dude..mast hai.. :)